भारत का राष्ट्रीय पशु - बंगाल टाइगर

बंगाल टाइगर

जगत Animalia
संघ Chordata
वर्ग Mammalia
गण Carnivora
कुल Felidae
वंश Panthera
जाति Panthera tigris
उप-जाति Panthera tigris tigris

 

भारत का राष्ट्रीय पशु बाघ है। बाघ बिल्ली प्रजाति के सबसे बड़े जीव है, जो भारतीय उपमहाद्वीप में निवास करते है। एक समय में यहाँ बाघों की काफी ज्यादा आबादी रहती थी लेकिन इनके अवैध शिकार के कारण इनकी आबादी में काफी गिरावट आई है। अब जंगल में अनुमानित 2500 बाघ ही शेष बचे है। बंगाल टाइगर अपने विशिष्ट नारंगी रंग और काले धारियों के लिए जाना जाता है, जो इसे जंगलों में लम्बी घासों में छिपने में मदद करता है। ये अकेले रहने वाले जानवर है। भारत में बंगाल टाइगर एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और आध्यात्मिक प्रतीक है। हमारे इतिहास में समय-समय पर कई जगहों में इस शानदार जीव का वर्णन किया गया है।

लम्बाई और वजन -

नर बाघों की लम्बाई 283 से 311 सेंटीमीटर (111 से 122 इंच) और मादा बाघों की लम्बाई 255-285 सेंटीमीटर (100 से 112 इंच) की होती है। वहीँ ऊंचाई 90 से 110 सेंटीमीटर (35-43 इंच) के बीच होती है। एक वयस्क नर बाघ का वजन 200 से 260 किलोग्राम तक होता है। वहीं एक वयस्क मादा बाघ का वजन 110 से 180 किलोग्राम तक होता है।

bharat-ka-rashtriya-pashu

निवास स्थल - 

बंगाल टाइगर भारतीय उपमहाद्वीप में पाए जाते है। ये उष्णकटिबंधीय वर्षावनों, पर्णपाती जंगलों, घास के मैदानों, मैन्ग्रोव दलदल सहित विभिन्न आवासों में पाए जाते है। सबसे अधिक आबादी इनकी बंगाल के सुंदरवन में पाई जाती है। ये एक विशाल मैन्ग्रोव जंगल है जो भारत और बांग्लादेश में गंगा, ब्रह्मपुत्र और मेघना नदियों के डेल्टा में फैला हुआ है। सुंदरवन दुनिया में बंगाल टाइगर की सबसे बड़ी आबादी का घर है। यहाँ मगरमच्छ, चित्तीदार हिरण, पछियों और मछलियों की विभिन्न प्रजातियों सहित कई वन्यजीवों का घर है।

सुंदरवन के अलावा बंगाल टाइगर भारत के अन्य हिस्सों में भी पाए जाते है। जिनमें राजस्थान में सरिस्का टाइगर रिज़र्व, झारखण्ड में पलामू टाइगर रिज़र्व, गुजरात में सरिस्का टाइगर रिज़र्व, रणथम्बौर टाइगर रिज़र्व, बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान शामिल है। इसके अलावा ये नेपाल, भूटान और बांग्लादेश में भी पाए जाते है।

शिकार और आहार -

बाघ एक मांसाहारी जीव है। वो अपने शिकार में गौर, सांभर, चीतल, नीलगाय, जंगली सुअर, हॉग हिरण ग्रे लंगूर, स्याही, खरगोश, मोर इसके आहार का हिस्सा है। मनुष्यों के अतिक्रमण के कारण ये पालतू पशुओं का भी शिकार करता है। बाघ अपना शिकार करने के लिए शिकार के काफी पास तक आ जाते है और पीछे से शिकार करते है। शिकार को मारने के लिए वे उसका गला पकड़ लेते है, जिससे शिकार की दम घुटने से मौत हो जाती है, फिर वे उसके शव को घसीटकर सुरक्षित स्थान पर ले जाते है। बाघ एक बार में 18 से 40 किलो तक मांस खा लेते है।

प्रजनन और जीवनचक्र -

बंगाल टाइगर वर्ष के किसी भी समय सम्भोग कर सकते है, लेकिन अधिकांश सम्भोग नवम्बर से अप्रैल के बीच होता है। मादा बंगाल टाइगर लगभग 5 से 7 दिनों तक सम्भोग करती है, सम्भोग के बाद इनका गर्भकाल 103 से 106 दिनों का होता है। शावक अंधे पैदा होते है, और इनका वजन 1600 ग्राम तक होता है। इनके दूध के दांत 2 से 3 हफ़्तों में टूटना शुरू हो जाते है और 8 से 9 सप्ताह के बाद इनके स्थायी दांत निकालने लगते है। ये 3 से 6 महीने तक दूध पीते है और थोड़ा बहुत मांस खाते है। 6 महीने के बाद ये अपनी माँ के साथ शिकार में भाग लेते है और दो वर्ष के उम्र के पश्चात ये अपनी माँ से अलग होकर अपने लिए नए इलाके की तलाश में निकाल जाते है।

खतरा -

भारत के राष्ट्रीय पशु के अस्तित्व के लिए मुख्य खतरा मनुष्य है। मनुष्यों ने समय-समय पर जंगलों को काटकर विकास कार्यों के लिए उपयोग किया है। मनुष्य जंगलों और घास के मैदानों में अतिक्रमण कर रहे है जिससे बाघों के मूल निवास ख़त्म हो रहे है और उन्हें छोटे और अलग-थलग इलाकों में जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। अवैध शिकार भी बंगाल टाइगर के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा है क्योंकि उनके अंगों जैसे दांत, नाखून, खाल व अन्य सामग्रियों को चिकित्सा और विलासिता के सामान के लिए उपयोग किया जा रहा है। वहीं पालतू पशुओं पर हमला करने के कारण मनुष्यों द्वारा भी बाघों को मार दिया जाता है।

अगर हमें बाघों की आबादी बढ़ानी है तो अवैध शिकार को रोकना पड़ेगा। मनुष्यों और बाघों के बीच संघर्ष को कम करके उनके प्राकृतिक आवासों को संरक्षित करना होगा, हालाँकि बंगाल के बाघों का अस्तित्व अनिश्चित बना हुआ है और जंगल में उनके अस्तित्व को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण प्रयासों की आवश्यकता होगी।

QnA 

प्रश्न - भारत का राष्ट्रीय पशु बाघ से पहले कौन था ?

उत्तर - भारत का राष्ट्रीय पशु 1973 से पहले शेर हुआ करता था क्योंकि एक समय शेरों की बहुत ज्यादा आबादी एशिया में निवास करती थी लेकिन धीरे-धीरे इनका निवास स्थल ख़तम हो गया और ये अब केवल गुजरात के गिर राष्ट्रीय उद्यान तक ही सीमित रह गए है।

Neel

Greetings! I'm Indrajeet Deshmukh, and I am passionate about animals. Welcome to my blog, where I aim to provide valuable and fascinating information about various animal species.

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने